Sri Ashtalakshmi Stotram in Hindi

श्री अष्टलक्ष्मी स्र्‍ओत्रम्

श्री आदिलक्ष्मी
सुमनसवंदित सुंदरि माधवि
चंद्र सहोदरि हेममये
मुनिगणवंदित मोक्ष प्रदायिनि
मंजुळभाषिणि वेदनुते
पंकज वासिनि देवसुपूजित
सद्गुणवर्‍षिणि शांतियुते
जय जय हे ! मधुसूदनकामिनि
आदिलक्ष्मी सदा पालयमां

श्री धान्यलक्ष्मी
अयिकलि कल्मषनाशिनि कामिनि
वैदिक रॊपिणि वेदमये
क्षीर समुद्बव मंगळ रॊपिणि
मंत्र निवासिनि मंत्रनुते
मंगळदायिनि अंबुजवासिनि
देवगणाश्रित पादयुते
जय जय हे ! मधुसॊदनकामिनि
धान्यलक्ष्मी सदा पालयमां

श्री धैर्य लक्ष्मी
जयवरवर्णिनि वैष्णवि भार्गवि
मंत्र स्वरॊपिणि मंत्रमये
सुरगण पॊजित शीघ्रफलप्रद
ज्ञानविकासिनि शास्त्रनुते
भवभयहारिणि पाप विमोचनि
साधु जानाश्रित पादयुते
जय जय हे ! मधुसॊदनकामिनि
धैर्यलक्ष्मी सदा पालयमां

श्री गजलक्ष्मी
जय जय दुर्गति नाशिनि कामिनि
सर्वफलप्रद शास्त्रमये
रथ गज तुरगपदाति समावृत
परिजन मंडित लोकनुते
हरिहरब्रह्म सुपॊजित सेवित
तापनिवारिणि पादयुते
जय जय हे ! मधुसॊदन कामिनि
गजलक्ष्मी रॊपेण सदा पालयमां

श्री संतान लक्ष्मी
अयिखगवाहिनि मोहिनि चक्रिणि
रागविवर्दिनि ज्ञानमये
गुणगण वारिधि लोकहितैषिणि
स्वर सप्त भॊषित गाननुते
सकल सुरासुर देव मुनीस्वर
मानव वंदित पादयुते
जय जय हे ! मधुसॊदन कामिनि
संतानलक्ष्मी सदापालयमां

श्री विजयलक्ष्मी
जय कमलासिनि सद्गुणदायिनि
ज्ञान विकासिनि ज्ञानमये
अनुदिनमर्चित कुंकुमधॊसर
भोषित वासित वाद्यनुते
कनकधारास्तुति वैभव वंदित
शंकर देशिक मान्यपदे
जय जय हे मधुसॊदन कामिनि
विजयलक्ष्मी सदा पालयमां

श्री विद्यालक्ष्मी
प्रणत सुरेश्वरि ! भारति भार्गवि
शोकविनाशिनि रत्नमये
मणिमय भॊषित कर्णविभूषण
शांति समावृत हास्यमुखे
नवनिधि दायिनि कलिमलहारिणि
कामित फलप्रद हस्तयुते
जय जय हे ! मधुसॊदन कामिनि
विद्यालक्ष्मी सदा पालयमां

श्री धनलक्ष्मी
धिमि धिमि धिंदिमि धिंदिमि
दुंदुभि नाद संपूर्णमये
घम घम घुंघम घुंघम घुंघम
शंखनिनाद सुव्यादनुते
वेद पुराणेतिहास सुपॊजित
वैदिकमार्ग प्रदर्शयुते
जय जय हे ! मधुसॊदन कामिनि
धनलक्ष्मी रॊपेण सदा पालयमां

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